भिरहा पूरब पंचायत: 20 साल से बोरिंग का इंतजार
मुजफ्फरपुर जिले के भिरहा पूरब पंचायत के लोग पिछले 20 सालों से बोरिंग की सुविधा का इंतजार कर रहे हैं। इस मुद्दे ने ग्रामीणों के बीच आक्रोश पैदा कर दिया है।
ग्रामीणों को पानी की समस्या का सामना
पंचायत के लोगों का कहना है कि पानी की भारी किल्लत के कारण उन्हें काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। खेती और घरेलू जरूरतों के लिए पानी की अनुपलब्धता सबसे बड़ी समस्या बन गई है।
वादा किया गया लेकिन पूरा नहीं हुआ
ग्रामीणों के अनुसार, सरकारी प्रतिनिधियों ने कई बार बोरिंग परियोजना शुरू करने का वादा किया, लेकिन 20 साल बाद भी यह काम अधूरा है। पंचायत के लोगों का कहना है कि चुनाव के समय नेता बड़ी-बड़ी घोषणाएं करते हैं, लेकिन चुनाव जीतने के बाद वादे भूल जाते हैं।
प्रशासनिक उदासीनता पर सवाल
स्थानीय प्रशासन की उदासीनता से ग्रामीणों में निराशा है। लोगों का कहना है कि इस मुद्दे को कई बार संबंधित अधिकारियों के सामने उठाया गया, लेकिन हर बार केवल आश्वासन ही मिला।[
ग्रामीणों की मांग
पंचायत के लोग अब सरकार और प्रशासन से ठोस कदम उठाने की मांग कर रहे हैं। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही बोरिंग की शुरुआत नहीं की गई, तो वे आंदोलन करेंगे।
समस्या का समाधान जरूरी
भिरहा पूरब पंचायत में बोरिंग की शुरुआत न केवल पानी की किल्लत को खत्म करेगी, बल्कि किसानों और ग्रामीणों की जीवनशैली में भी सुधार लाएगी।
निष्कर्ष:
यह मुद्दा सरकारी तंत्र और प्रशासनिक वादों की विफलता का एक उदाहरण है। भिरहा पूरब पंचायत के लोगों को उम्मीद है कि उनकी आवाज सुनी जाएगी और बोरिंग परियोजना जल्द ही शुरू की जाएगी।
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