1. समस्तीपुर की इंडस्ट्रीज में फायर सेफ्टी की कमी
समस्तीपुर, 23 जनवरी 2025: जिले की कई बड़ी और छोटी इंडस्ट्रीज बिना फायर सेफ्टी लाइसेंस के ही संचालित हो रही हैं। यह नियमों का सीधा उल्लंघन है और इससे कभी भी बड़े हादसे हो सकते हैं। फायर ब्रिगेड विभाग की उदासीनता और इंडस्ट्री मालिकों की लापरवाही से यह समस्या और गंभीर हो रही है।
2. नियमों का उल्लंघन और प्रशासन की चुप्पी
बिहार सरकार के फायर सेफ्टी अधिनियम के तहत, हर उद्योग को फायर सेफ्टी लाइसेंस लेना अनिवार्य है। यह लाइसेंस इंडस्ट्री की सुरक्षा और कर्मचारियों की जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए होता है।
हालांकि, समस्तीपुर में कई इंडस्ट्रीज बिना इस लाइसेंस के चल रही हैं। प्रशासन और फायर ब्रिगेड विभाग इनकी जांच करने में असमर्थ साबित हो रहे हैं। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं, जैसे:
- फायर ब्रिगेड विभाग का सीमित स्टाफ और संसाधन।
- इंडस्ट्री मालिकों की मिलीभगत और राजनीतिक संरक्षण।
- जांच की प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी।
प्रशासन की यह चुप्पी न केवल नियमों का उल्लंघन है, बल्कि यह स्थानीय निवासियों की सुरक्षा को भी खतरे में डाल रही है।
3. हादसों का बढ़ता खतरा
बिना फायर सेफ्टी लाइसेंस के इंडस्ट्रीज चलाने से आगजनी जैसी घटनाओं का खतरा बढ़ गया है। फायर ब्रिगेड के पास न तो पर्याप्त संसाधन हैं और न ही इंडस्ट्रीज की नियमित जांच करने का कोई ठोस प्लान। यह स्थिति न केवल उद्योगों के कर्मचारियों के लिए बल्कि स्थानीय लोगों के लिए भी खतरनाक है।
4. समस्तीपुर प्रशासन और फायर ब्रिगेड की जिम्मेदारी
समस्तीपुर के प्रशासन और फायर ब्रिगेड विभाग को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि जिले की सभी इंडस्ट्रीज फायर सेफ्टी लाइसेंस के तहत काम करें। इसके लिए नियमित निरीक्षण और सख्त कार्रवाई की जरूरत है।
5. क्या कहता है भविष्य?
यदि प्रशासन समय रहते कार्रवाई नहीं करता, तो जिले में बड़ा हादसा हो सकता है। उद्योग मालिकों को भी अपनी जिम्मेदारी समझते हुए सुरक्षा मानकों का पालन करना चाहिए।
निष्कर्ष
समस्तीपुर की इंडस्ट्रीज में सुरक्षा मानकों की अनदेखी गंभीर चिंता का विषय है। इस मुद्दे पर त्वरित कार्रवाई और जागरूकता की आवश्यकता है।
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