लैंड फॉर जॉब केस में फंसे आरजेडी सुप्रीमो एवं पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव ने दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उन्होंने अदालत से सीबीआई द्वारा दर्ज FIR और चार्जशीट को रद्द करने की मांग की है।
क्या है मामला?
यह केस उस समय का है जब लालू यादव रेल मंत्री थे। आरोप है कि लालू यादव ने रेलवे में नौकरियों के बदले अपने करीबियों और परिवार के नाम पर कीमती जमीनें लिखवाईं। यह मामला अब दो एजेंसियों के रडार पर है:
- सीबीआई: आपराधिक पक्ष की जांच कर रही है।
- ईडी: मनी लॉन्ड्रिंग और आर्थिक पक्ष की जांच कर रही है।
लालू यादव की याचिका में क्या कहा गया है?
लालू यादव की ओर से पेश हुए कांग्रेस नेता और वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि सीबीआई ने पूर्व रेल मंत्री के खिलाफ बिना कानूनी मंजूरी के जांच शुरू की, जो कि सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन है।
कपिल सिब्बल ने कोर्ट में दलील दी कि,
“इस केस में बिना केंद्र सरकार की मंजूरी के जांच शुरू कर दी गई। जबकि सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस के अनुसार, किसी पूर्व मंत्री पर केस दर्ज करने या जांच शुरू करने से पहले सरकार की अनुमति जरूरी होती है।”
सीबीआई और ईडी की कार्रवाई:
- सीबीआई ने पहले ही इस मामले में FIR और चार्जशीट दाखिल कर दी है।
- ईडी ने भी मनी लॉन्ड्रिंग के तहत अपनी जांच में कई संपत्तियों को सीज़ किया है।
- दोनों एजेंसियों ने दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में मामले को दाखिल किया है।
राजनीतिक प्रतिक्रिया
आरजेडी समर्थकों का कहना है कि यह पूरा मामला राजनीतिक साजिश के तहत लालू यादव को फंसाने की कोशिश है, वहीं विपक्ष का कहना है कि जांच एजेंसियों को स्वतंत्र रूप से काम करने देना चाह
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