1. क्या है नया नियम?
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (BSEB) ने एक बड़ा बदलाव किया है।
- अब परीक्षार्थी जूता पहनकर परीक्षा हॉल में प्रवेश कर सकते हैं।
- पहले नकल रोकने के लिए छात्रों को चप्पल पहनकर आने के निर्देश थे।
2. पहले क्या था नियम?
पिछले कुछ वर्षों में बिहार बोर्ड ने परीक्षाओं में सख्ती बढ़ा दी थी।
- 2018 में आया नियम: छात्रों को सिर्फ चप्पल या सैंडल पहनने की अनुमति थी।
- इसका उद्देश्य नकल को रोकना था, क्योंकि कई बार जूते में पर्चियां छुपाने के मामले सामने आए थे।
3. अब बदलाव क्यों किया गया?
- छात्रों और अभिभावकों की लगातार शिकायतों के बाद यह फैसला लिया गया।
- ठंड के मौसम में जूते पहनने पर पाबंदी छात्रों के लिए असुविधाजनक थी।
- शिक्षा विभाग ने माना कि इस नियम से छात्रों को अनावश्यक परेशानी हो रही थी।
4. परीक्षा में अन्य नियम
बिहार बोर्ड ने परीक्षा को नकलमुक्त बनाने के लिए कई अन्य नियम बनाए हैं:
- परीक्षा केंद्रों पर CCTV कैमरे अनिवार्य।
- छात्रों को परीक्षा शुरू होने से पहले जांच प्रक्रिया से गुजरना होगा।
- मोबाइल फोन और स्मार्ट डिवाइस लाने पर प्रतिबंध।
5. छात्रों की प्रतिक्रिया
- कई छात्रों ने इस फैसले का स्वागत किया और इसे व्यावहारिक बताया।
- कुछ छात्रों का मानना है कि यह कदम नकल रोकथाम के लिए प्रभावी नहीं होगा।
6. शिक्षा विभाग का रुख
शिक्षा विभाग का कहना है कि
- इस फैसले का मुख्य उद्देश्य छात्र सुविधाओं में सुधार करना है।
- नकल रोकने के लिए अन्य कठोर कदम उठाए जाएंगे।
निष्कर्ष
बिहार बोर्ड का यह फैसला छात्रों के लिए राहत लेकर आया है। हालांकि, परीक्षा को नकलमुक्त बनाने के लिए और मजबूत उपायों की जरूरत है।
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