बिहार के पर्यटन मंत्री राजू सिंह ने शराबबंदी नीति पर रियायत देने की बात कही है। रविवार को पटना के एक होटल में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने स्वीकार किया कि इस नीति का असर होटल और फिल्म उद्योग पर साफ दिख रहा है।
होटल और फिल्म उद्योग को हो रही परेशानी
राजू सिंह ने कहा –
“शराबबंदी की वजह से होटल और फिल्म इंडस्ट्री दोनों को दिक्कत हो रही है। सरकार इस समस्या को गंभीरता से ले रही है। हम जल्द ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे।”
पर्यटन मंत्री ने भरोसा दिलाया कि इस विषय पर राज्य सरकार उचित समाधान निकालने की कोशिश करेगी।
RJD ने किया तीखा विरोध
राजू सिंह के बयान पर आरजेडी प्रवक्ता एजाज अहमद ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा:
“ये लोग शराबबंदी अभियान को फेल करने की कोशिश कर रहे हैं। यह उनकी शपथ से मुकरने जैसा है।”
उन्होंने याद दिलाया कि 2016 में महागठबंधन सरकार के समय राज्य में शराबबंदी लागू हुई थी। उस दौरान मानव श्रृंखला जैसे ऐतिहासिक कार्यक्रमों के जरिए इस नीति को जन समर्थन मिला।
क्या दोहरी नीति अपना रही सरकार?
RJD प्रवक्ता ने सवाल उठाया कि नीतीश सरकार के मंत्री अलग बयान दे रहे हैं जबकि सरकार शराबबंदी के पक्ष में है। उन्होंने पूछा:
“क्या मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी राजू सिंह के बयान से सहमत हैं?”
तेजस्वी यादव का अभियान भी आया चर्चा में
एजाज अहमद ने बताया कि तेजस्वी यादव ने शराबबंदी को लेकर बड़े स्तर पर अभियान चलाया था।
“हमें शराब नहीं, किताबें चाहिए… पुस्तकालय चाहिए” – यह नारा उन्हीं का था।
भाजपा पर भी साधा निशाना
RJD प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि 2005 से 2015 के बीच भाजपा और जदयू की सरकार ने राज्य में शराब की दुकानें खोलकर इसे कमाई का जरिया बनाया था। अब जब महागठबंधन ने इसे बंद किया, तो भाजपा इसे पचा नहीं पा रही है।
निष्कर्ष:
पर्यटन मंत्री के बयान से एक बार फिर बिहार की शराबबंदी नीति चर्चा में है। सरकार के अंदर ही मतभेद के संकेत दिखने लगे हैं, जिससे इस मुद्दे पर राजनीति और गर्मा सकती है।
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