BPSC 70वीं पीटी परीक्षा विवाद: पटना हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद सुरक्षित रखा फैसला

बिहार लोक सेवा आयोग की 70वीं पीटी परीक्षा को लेकर उठे विवाद ने हाल ही में पटना हाईकोर्ट में कानूनी कार्रवाई का मुक़ाबला तेज कर दिया है। कई अभ्यर्थियों ने परीक्षा में गड़बड़ी के आरोप लगाकर परीक्षा रद्द करवाने और री-एग्जाम कराने की मांग उठाई थी। इस संबंध में दर्ज की गई छह याचिकाओं पर पटना हाईकोर्ट ने सुनवाई की और अंत में अपना सुरक्षित फैसला सुनाया।

सुनवाई का विवरण

1. कोर्ट में सुनवाई की प्रक्रिया

  • स्थान और समय:
    • पटना हाईकोर्ट में मंगलवार को सुबह 10:30 बजे से शाम 4 बजे तक सुनवाई चली।
    • बुधवार को मामले पर अंतिम सुनवाई हुई।
  • सुनवाई में शामिल न्यायाधीश:
    • कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आशुतोष कुमार
    • न्यायमूर्ति पार्थ सारथी की खंडपीठ ने एक साथ छह याचिकाओं पर सुनवाई की।

2. कोर्ट का सुरक्षित फैसला

सुनवाई पूरी होने के बाद, कोर्ट ने यह फैसला सुरक्षित रख लिया। इसका मतलब यह है कि वर्तमान में परीक्षा रद्द करवाने या री-एग्जाम कराने का निर्णय नहीं लिया गया है।

  • मुख्य बिंदु:
    • कोर्ट ने किसी भी तत्काल बदलाव का आदेश नहीं दिया।
    • मामला अब अपने अंतिम चरण में पहुंच चुका है, परंतु याचिकाकर्ताओं के पक्ष में निर्णय नहीं आया।

विवाद का पूरा मामला

1. परीक्षा रद्द करवाने की मांग

70वीं बीपीएससी पीटी परीक्षा को लेकर विवाद तब शुरू हुआ, जब कई अभ्यर्थियों ने परीक्षा में गड़बड़ी के आरोप लगाए।

  • अभ्यर्थियों ने दावा किया कि परीक्षा में अनियमितताएं हुईं।
  • री-एग्जाम कराने की मांग उठी, जिसके लिए पटना के गर्दनीबाग में कई महीनों से धरना दिया जा रहा था।

2. सड़क पर प्रदर्शन और पुलिस की कार्रवाई

  • अभ्यर्थियों ने री-एग्जाम करवाने के लिए सड़कों पर भी प्रदर्शन किया।
  • इस दौरान पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठियां भी चलाईं, जिससे स्थिति और भी तनावपूर्ण हो गई।

3. कोर्ट में दायर याचिकाएँ

  • कई अभ्यर्थियों ने इस मुद्दे को लेकर पटना हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।
  • कोर्ट ने छह याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई की, जिससे विवाद का मामला कानूनी रूप से अंतिम चरण में पहुंच गया।

अभ्यर्थियों और विपक्ष की प्रतिक्रिया

1. अभ्यर्थियों का मत

  • अभ्यर्थियों ने लगातार धरना दिया और अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाई।
  • उनका कहना है कि परीक्षा में गड़बड़ी के कारण उम्मीदवारों के भविष्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।

2. विपक्ष का दृष्टिकोण

  • विपक्ष ने भी इस मामले में सरकार पर कड़ी टिपण्णी की।
  • उनका दावा है कि परीक्षा की पारदर्शिता और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए तत्काल कार्रवाई होनी चाहिए।

निष्कर्ष

70वीं बीपीएससी पीटी परीक्षा को लेकर चल रहे विवाद में पटना हाईकोर्ट ने हाल ही में अपना सुरक्षित फैसला सुनाया है। कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं की मांगों को खारिज करते हुए परीक्षा रद्द करवाने या री-एग्जाम कराने का आदेश नहीं दिया। इस फैसले से यह प्रतीत होता है कि मामला अब अपने अंतिम चरण में है, परंतु अभ्यर्थियों की चिंता अभी भी बनी हुई है।
आगे की कानूनी प्रक्रिया और अभ्यर्थियों की प्रतिक्रियाएँ इस मुद्दे पर और प्रकाश डालेंगी।

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