समस्तीपुर: बिना फायर सेफ्टी लाइसेंस चल रही कई फैक्ट्रियां, प्रशासन बेखबर

समस्तीपुर में उद्योगों की सुरक्षा पर सवाल

समस्तीपुर जिले में कई उद्योग बिना फायर सेफ्टी लाइसेंस के संचालन कर रहे हैं, जिससे सुरक्षा मानकों का घोर उल्लंघन हो रहा है। आग लगने की स्थिति में इन उद्योगों में काम करने वाले कर्मचारियों की सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है। इसके बावजूद संबंधित विभाग इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है।

क्या है फायर सेफ्टी लाइसेंस?

फायर सेफ्टी लाइसेंस का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि किसी भी आपात स्थिति में आग से बचाव के उचित उपकरण और इंतजाम हों। यह लाइसेंस औद्योगिक इकाइयों के लिए अनिवार्य है, खासकर उन इकाइयों के लिए जहां ज्वलनशील सामग्री का उपयोग किया जाता है।

मुख्य समस्याएं

  1. प्रशासन की अनदेखी:
    फायर सेफ्टी लाइसेंस की कमी के बावजूद प्रशासन उद्योगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं कर रहा है।
  2. कर्मचारियों की सुरक्षा:
    इन उद्योगों में कार्यरत कर्मचारियों की जान पर बड़ा खतरा मंडरा रहा है। आग लगने की स्थिति में हादसे के गंभीर परिणाम हो सकते हैं।
  3. नियमों की अनदेखी:
    औद्योगिक नियमों और फायर सेफ्टी कानूनों का पालन नहीं हो रहा है, जो कि एक गंभीर मुद्दा है।

स्थानीय निवासियों की चिंता

स्थानीय लोगों का कहना है कि इन उद्योगों से आसपास के इलाकों को भी खतरा है। उन्होंने प्रशासन से अपील की है कि जल्द से जल्द इन उद्योगों की जांच की जाए और आवश्यक कार्रवाई की जाए।

प्रशासन की प्रतिक्रिया

जब इस विषय पर अधिकारियों से बात की गई, तो उन्होंने कहा कि सभी उद्योगों की जांच के आदेश दिए जाएंगे। लाइसेंस न होने पर संबंधित उद्योगों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे।

क्या हो सकते हैं समाधान?

  1. नियमित निरीक्षण:
    उद्योगों की नियमित जांच होनी चाहिए ताकि फायर सेफ्टी नियमों का पालन सुनिश्चित किया जा सके।
  2. सख्त दंड:
    बिना लाइसेंस के चल रहे उद्योगों पर भारी जुर्माना लगाना चाहिए।
  3. कर्मचारियों को जागरूक करना:
    कर्मचारियों को आग से बचाव और आपात स्थिति में कार्रवाई के तरीकों की जानकारी दी जानी चाहिए।

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