समस्तीपुर: परीक्षा केंद्र पर गाइडलाइन की अनदेखी, शिक्षकों की अवैध प्रतिनियुक्ति पर बवाल

1. परीक्षा केंद्र पर गड़बड़ी, शिक्षकों की अवैध प्रतिनियुक्ति

समस्तीपुर के उच्च माध्यमिक विद्यालय मोहनपुर परीक्षा केंद्र पर बिहार बोर्ड की गाइडलाइन की धज्जियां उड़ाने का मामला सामने आया है। इस केंद्र पर प्लस टू श्री सुंदर उच्च विद्यालय मुक्तापुर के छात्रों का इंटरमीडिएट परीक्षा केंद्र बनाया गया था, लेकिन उसी विद्यालय के तीन शिक्षकों को परीक्षा संचालन में प्रतिनियुक्त कर दिया गया, जो नियमों का उल्लंघन है।

👉 गाइडलाइन के अनुसार, परीक्षार्थियों के स्कूल के शिक्षकों को उसी परीक्षा केंद्र पर प्रतिनियुक्त नहीं किया जा सकता, लेकिन फिर भी ऐसा किया गया।

2. कौन-कौन शिक्षक थे प्रतिनियुक्त?

👉 केंद्राधीक्षक अमर कुमार ने प्लस टू श्री सुंदर उच्च विद्यालय मुक्तापुर के तीन शिक्षकों—
✔️ रंजीत कुमार
✔️ चुनचुन कुमार
✔️ संतोष महतो
को कार्यालय सहायक के रूप में तैनात कर दिया

➡️ सीएस (केंद्राधीक्षक) को पहले से इस गड़बड़ी की जानकारी थी, लेकिन फिर भी उन्होंने इन शिक्षकों को प्रतिनियुक्त किया, जिससे बिहार बोर्ड परीक्षा नियमों की अनदेखी हुई।

3. शिक्षा विभाग ने आनन-फानन में हटाया, लेकिन कई सवाल बाकी

👉 जब मामला सामने आया, तो शिक्षा विभाग ने तीनों शिक्षकों को तत्काल उनके मूल विद्यालय में वापस भेज दिया
👉 प्रशासन ने इस गलती को “एक भूल” बताकर पल्ला झाड़ने की कोशिश की”, लेकिन शिक्षकों की अवैध प्रतिनियुक्ति को लेकर सवाल उठ रहे हैं।

➡️ जानकारों का कहना है कि:
✔️ परीक्षा केंद्र पर सीसीटीवी फुटेज की जांच होनी चाहिए
✔️ यह मामला सिर्फ भूल नहीं बल्कि एक सुनियोजित धांधली हो सकता है
✔️ सीएस पूर्व में प्लस टू श्री सुंदर उच्च विद्यालय मुक्तापुर में शिक्षक रह चुके हैं, इसलिए पक्षपात की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।

4. बोर्ड गाइडलाइन के खिलाफ गया यह फैसला

👉 बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (BSEB) के नियमों के अनुसार:
✔️ परीक्षा केंद्र पर उसी विद्यालय के शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति नहीं हो सकती
✔️ सभी वीक्षकों और सहयोगियों से घोषणा पत्र लिया जाना चाहिए कि उनके किसी परिजन या छात्र का परीक्षा केंद्र वहां नहीं है।

➡️ फिर भी इन नियमों का उल्लंघन हुआ, जिससे परीक्षा की निष्पक्षता पर सवाल उठ गए हैं।

5. क्या शिक्षा विभाग सख्त कार्रवाई करेगा?

👉 सवाल यह है कि—
✔️ क्या इस मामले की निष्पक्ष जांच होगी?
✔️ क्या केंद्राधीक्षक और दोषी शिक्षकों पर कार्रवाई होगी?
✔️ क्या बिहार बोर्ड इस पर ध्यान देगा या इसे “भूल” मानकर टाल दिया जाएगा?

🔴 निष्कर्ष:

समस्तीपुर के परीक्षा केंद्र पर सामने आई यह गड़बड़ी बिहार बोर्ड की परीक्षा प्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर रही है। शिक्षा विभाग ने शिक्षकों को हटाकर मामले को शांत करने की कोशिश की, लेकिन निष्पक्ष जांच के बिना यह स्पष्ट नहीं हो पाएगा कि यह सिर्फ “एक भूल” थी या जानबूझकर किया गया भ्रष्टाचार।

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