1. क्या है पूरा मामला?
शुक्रवार को अनन्य विशेष उत्पाद न्यायाधीश संजय कुमार द्वितीय ने उत्पाद वाद संख्या 333/19 के तहत आरोपी रोहित कुमार को धारा 30 (A) बिहार मद्य निषेध एवं उत्पाद अधिनियम 2016 के तहत दोषी करार देते हुए पांच साल की सश्रम सजा और एक लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। यदि अभियुक्त जुर्माना नहीं देता है तो उसे अतिरिक्त छह माह का साधारण कारावास भुगतना होगा।
2. कब और कैसे हुई थी गिरफ्तारी?
अभियुक्त रोहित कुमार ताजपुर थाना क्षेत्र के निक्सपुर वार्ड संख्या-8 का निवासी है।
- 4 सितंबर 2019 को उसके घर के बरामदे से 56 बोतल विदेशी शराब और 10 लीटर बीयर बरामद की गई थी।
- इस दौरान पुलिस ने रोहित कुमार को गिरफ्तार कर लिया था, जबकि दूसरा अभियुक्त सुधीर कुमार मौके से फरार हो गया था।
- सुधीर कुमार अब तक पुलिस गिरफ्त में नहीं आया है, इसलिए उसे लेकर मामला अलग रखा गया है।
3. न्यायालय में क्या हुआ?
इस मामले में बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता राकेश कुमार, जबकि अभियोजन पक्ष की ओर से उत्पाद अधिवक्ता पंकज कुमार ने अपना-अपना पक्ष रखा।
अदालत ने मामले के तथ्यों और सबूतों के आधार पर रोहित कुमार को दोषी ठहराया और उसे सजा सुनाई गई।
4. बिहार में शराबबंदी और इसके प्रभाव
बिहार सरकार ने 2016 में शराबबंदी कानून लागू किया था, जिसके तहत शराब की बिक्री, सेवन और भंडारण पर सख्त प्रतिबंध है।
- इस कानून के तहत दोषियों को कठोर सजा दी जाती है।
- अवैध शराब के कारोबार पर रोक लगाने के लिए प्रशासन लगातार अभियान चला रहा है।
- इस कानून के चलते बिहार में शराब माफियाओं पर शिकंजा कसने की कोशिश जारी है।
5. निष्कर्ष
समस्तीपुर में हुई इस सजा से यह साफ होता है कि बिहार सरकार के शराबबंदी कानून को सख्ती से लागू किया जा रहा है। इस फैसले से अन्य लोगों को भी कानून का पालन करने और अवैध शराब के कारोबार से दूर रहने का संदेश मिलेगा।
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